वर्ष 2034 तक शहरों में होगी 7.8 करोड़ मकान की जरूरत, इस अवधि तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा रियल एस्टेट बाजार
Real Estate Forecast
Real Estate Forecast: रियल एस्टेट सेक्टर में आ रही तेज तरक्की के चलते इसके आकार में आने वाले सालों में शानदार बढ़ोतरी हो सकती है. नाइट फ्रैंक और सीआईआई की एक हालिया रिपोर्ट का कहना है कि अगले 10 साल में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर का साइज बढ़कर 1.5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच सकता है.
इकोनॉमिक आउटपुट में योगदान
नाइट फ्रैंक इंडिया और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज ने मिलकर शुक्रवार को ‘इंडियन रियल एस्टेट- अ डिकेड फ्रॉम नाउ’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2034 तक भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर का साइज बढ़कर 1.5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा और टोटल इकोनॉमिक आउटपुट में योगदान 15 फीसदी हो जाएगा. अभी (साल 2023 में) भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर का साइज लगभग 482 बिलियन डॉलर है और इकोनॉमिक आउटपुट में योगदान 7.3 फीसदी है.
अकेले हाउसिंग का होगा इतना योगदान
रिपोर्ट के अनुसार, अगले 10 साल के दौरान भारतीय रियल एस्टेट की आने वाली ग्रोथ में रेसिडेंशियल और ऑफिस सेक्टर दोनों का योगदान रहने वाला है. हालांकि रेसिडेंशियल सेक्टर का योगदान ऑफिस सेक्टर की तुलना में कई गुना ज्यादा रहने वाला है. 2034 में डेढ़ ट्रिलियन डॉलर के भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में हाउसिंग यानी रेसिडेंशियल का योगदान 906 बिलियन डॉलर का होगा, जबकि ऑफिस सेक्टर उसमें 125 बिलियन डॉलर का योगदान देगा.
लगभग 8 करोड़ नए घरों की जरूरत
नाइट फ्रैंक का कहना है कि आने वाले सालों में शहरों में आवास की मांग तेज रहने वाली है. अर्बन सिटीज में 2024 से 2034 के दौरान 7.8 करोड़ नए घरों की जरूरत होगी. वहीं अन्य सेगमेंट की बात करें तो साल 2034 तक मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज के लिए इस्तेमाल होने वाले रियल एस्टेट का रेवेन्यू 28 बिलियन डॉलर रहेगा, जबकि वेयरहाउसिंग का साइज 8.9 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा.
इतना बढ़ सकता है जीडीपी का साइज
भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में रिपोर्ट का कहना है कि परिस्थितियां अनुकूल रहने पर देश की जीडीपी का साइज अगले 10 साल में करीब ढाई गुना बड़ा हो सकता है. भारत की जीडीपी का साइज अभी 3.75 ट्रिलियन डॉलर के आस-पास है. रिपोर्ट में साइज के बढ़कर 2034 में 10.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाने की उम्मीद जाहिर की गई है.